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 kareenakapoor421
    

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Posted: 11/18/16, 09:58   Quote 

जमुना लाल जी पटना से १२० किलो मीटर दूर बिहार के राजपुर गाँव के हाई स्कूल में हेडमास्टर थे, पढाने में बड़े तेज थे और उन्हें गोल्ड मैडल मिला था। वो कहीं भी और अच्छी नौकरी कर सकते थे, लेकिन उन्हें अपने गाँव से बहुत प्यार था, और वहीं वो कुछ करना चाहते थे। २२ साल की उमर में उनकी शादी १७ साल की एक बड़ी सुंदर लड़की कमला से हुई।
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उन दोनों की जोड़ी बड़ी अच्छी लगी सबको। जमुना लाल जी कद के थोड़े छोटे थे- ५ फीट ३ इंच के, लेकिन कमला शादी के समय उनसे १ इंच छोटी थी। कमला का बदन शादी के समय तक भरा नहीं था। शादी के बाद भी उसका कद बढ़ता गया और साल भर में अपने बेटे राहुल को जन्म देने के समय तक वो करीब ५ फीट ४ इंच की हो गई और उसका बदन भी गदरा गया। उनकी दूसरी संतान दीपा राहुल के ८ साल बाद पैदा हुई, लेकिन उसके जन्म के समय कमला को शारीरिक समस्या हो गई और उसका ऑपरेशन करना पड़ा, जिसकी वजह से वो फिर कभी माँ नहीं बन सकती थी।

तो फिलहाल अभी जमुना लाल जी ४४ साल के थे और कमला ३ महीने में ४० की होने वाली थी। जमुना लाल जी जैसे तेज थे, उनका बेटा राहुल भी उतना ही तेज निकला और २१ साल की उमर मे आई आई टी कानपुर में कंप्यूटर साइंस के आखिरी साल में था उनकी १३ साल की बेटी दीपा बड़ी सुंदर मासूम कली थी।

हर इन्सान की कोई न कोई कमजोरी होती है। जमुना लाल जी को हाई स्कूल में ही बीड़ी सिगेरेट की लत लग गई थी, जो कभी नहीं गई। कॉलेज में पीते रहे क्योंकि उससे वो रात भर जग कर पढ़ाई करने में मदद मिलती थी। खैर ! ४ साल पहले जमुना लाल जी को काफी तेज़ दमा शुरू हुआ। दमे ने उन्हें अशक्त कर दिया, लेकिन कम से कम जान लेवा नहीं था। लेकिन अभी ३ महीने पहले डॉक्टर ने बताया कि उन्हें टी बी भी हो गई है और उन्हें किसी सैनेटोरियम में दाखिल कर देना चाहिए। ऐसी स्थिति में घर में सभी आस लगाये बैठे थे कि जब राहुल को नौकरी मिलेगी तो सब ठीक हो जाएगा।

जमुना लाल जी ने अपने ख़राब सेहत की वजह से स्कूल जाना भी बंद कर दिया था, लेकिन सरकार ने कुछ मदद की जिससे घर का काम काज चलता था। पति, पत्नी और बेटी, तीनों जमुना लाल जी के घर के पहले मंजिल पर रहते थे और ऊपर के मंजिल पर सिर्फ़ १ कमरा था जो स्टोर के जैसे इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन पैसे की तंगी की वजह से जमुना लाल जी उसे अब खाली कर के किराये पर लगाने की सोच रहे थे।

जब राहुल आखिरी परीक्षा देकर आया तो उसने ऊपर के कमरे को खाली किया और जब तक वो किराये पे नहीं लगता तब तक उसे अपना कमरा बना लिया। रिजल्ट निकलने से पहले ही राहुल को कई नौकरियों के प्रस्ताव आए थे, जिसमे कई बहु-राष्ट्रीय कम्पनियाँ और अच्छी कम्पनियाँ थी। राहुल ने एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी की नौकरी स्वीकार कर ली थी, क्योंकि उसे यहाँ २ हफ्ते की ट्रेनिंग के बाद उस कंपनी के ऑफिस में काम करने का मौका मिलेगा। कंपनी ने राहुल को सिर्फ़ २ हफ्ते का समय दिया काम पर आने के लिए। राहुल के लिए भी अच्छा था कि जल्दी नौकरी मिलने से जल्दी पैसा भी आना शुरू हो जाएगा।

पहली सुबह राहुल की नींद पानी के हैन्ड-पम्प की आवाज़ से खुली। उसने खिड़की से नीचे जो देखा, वो दृष्य देखकर अवाक रह गया।

आंगन के एक कोने में हैन्ड-पम्प एक हौज़ में था और उसके तीन ओर दीवार डाल कर एक बाथरूम जैसा बनाया हुआ था और बाथरूम के दरवाज़े पर एक कपड़े का पर्दा था। लेकिन बाथरूम के ऊपर कोई छत नहीं थी।
राहुल ने देखा कि उसकी माँ बिल्कुल मादर जात नंगी पानी का हैण्ड पम्प चला रही थी। गेहुआं गदराया बदन और उसके उठे हुए मांसल चूतड़ हैण्ड-पम्प चलने से थिरक रहे थे और उसकी बड़ी बड़ी आजाद चूचियां भी पेंग मार रही थी। राहुल यह दृश्य एक टक देखता ही रह गया, जैसे उसकी आँखें पथरा गई हों।

इसके पहले राहुल ने कई बार माँ को नहाने के बाद देखा था लेकिन कमला हमेशा पेटीकोट को अपनी चूची के ऊपर बाँध कर नहाने जाती थी या फिर नहा के निकलती थी लेकिन आज की तरह बिल्कुल नंगी कभी नहीं देखा था।

कमला को शायद इस बात की ख़बर नहीं थी कि ऊपर के कमरे में राहुल है और वहां से सब कुछ दिख सकता है। हौज में पानी भरने के बाद वो मग से पानी लेकर नहाने लगी। नहाना क्या, ज्यादा पानी वो अपनी खड़ी चूचियों की घुंडी पर डालती थी। आज कल उसका सारा बदन जैसे हमेशा जलता रहता था। उसने लेडी डॉक्टर को बताया, तो लेडी डॉक्टर ने कहा कि इस उम्र में ऐसा ही होता है, इसे हॉट फ्लैश कहते हैं।

लेडी डॉक्टर ने ही बताया कि जब ज्यादा जलन हो तो ठंडे पानी से नहा लो। लेडी डॉक्टर को भी जमुना लाल जी के सेहत के बारे में मालूम था, इसलिए उसने हिचकिचाते हुए कमला को बताया कि जब ज्यादा गर्मी लगे तो ऊँगली से अपने को शांत कर लिया करो। कमला अब हर रोज तीन बार नहाने लगी और लेडी डॉक्टर की सलाह के मुताबिक जब भी वो नहाती, वो ऊँगली से अपने को झाड़ लेती। उसे कुछ रहत तो मिलती थी, लेकिन कहाँ ऊँगली और कहाँ एक मुस्टंड लंड। कोई तुलना नहीं।

खैर, सारी दुनिया से बेख़बर, ठंडे पानी से नहाने के बाद कमला ने अपनी ऊँगली से अपनी चूत पर साबुन लगा के दाने को मसलना शुरू किया। उसकी आँखें बंद हो गई और वो अपने होंठ काटने लगी। यह देख कर राहुल का लण्ड भी खड़ा हो गया, और वो हलके हलके मूठ मारने लगा। जिस एंगल से राहुल देख रहा था, माँ की काले काले घुंघराले बाल से ढकी चूत देखने में कोई मुश्किल नहीं हुई। ५-७ मिनट के बाद उसकी माँ के बदन में कम्पन हुई, और वो शांत हो गई। राहुल समझ गया कि उसकी माँ झड़ गई, और यह सब देख कर मूठ मारते हुए राहुल का भी निकल गया।

जब तक राहुल वहां रहा, २ हफ्ते उसने दिन में तीन बार यही दृश्य देखा और मूठ मारा। वास्तव में वो दिन में भी इंतज़ार में रहता था कि उसकी माँ कब नहाने जायेगी। जब भी उसकी माँ घर में चलती, वो उसके चूतड़ और चूचियों कि थिरकन देखता ही रह जाता। कई बार तो राहुल ने माँ को सुबह मैं जबरदस्ती चोदने की भी ठानी। एक बार तो वो बाथरूम के पास जा कर लौट आया, यह सोच कर कि उसे इतना गरम करूँगा कि ख़ुद चुदाने आ जाएगी तब उसे कोई ग्लानि नहीं होगी।

२ हफ्ते के बाद राहुल अपनी नौकरी पे चला गया, और फिर वहां से अमेरिका। लेकिन वह मन से माँ का नंगा रूप कभी नहीं भूल पाया। राहुल को अपनी माँ की इस दशा पर तरस भी आता था, कि ऐसी मस्त औरत को ऐसे कम उमर में पूरी चुदाई का सुख नहीं मिल पाया।

उसने जब अमेरिका से पैसे भेजने शुरू किए तो घर की हालत भी ठीक होने लगी। राहुल ने माँ को एक सेल फ़ोन लेने को भी कहा, और वो अपनी माँ से हर हफ्ते बात करता था। फिर एक दिन उसने एक योजना बनाई और माँ से राय मांगी। योजना यह थी कि राहुल ६ महीने के बाद भारत आकर पिताजी को सैनेटोरियम में भरती करा देगा, और दीपा को कुरसेओंग के पब्लिक स्कूल में, और माँ को अमेरिका ले आएगा जिससे उसके खाने पीने का हिसाब भी ठीक हो जाएगा।

माँ क्या करती, घर का सब कुछ तो राहुल की वजह से ही चल रहा था, लेकिन वो बोली कि इस सब में तो बहुत खर्च होगा। राहुल ने कहा कि माँ मुझे जितना मिलता है उसमें कोई मुश्किल नहीं होगी। माँ ने पूछा, घर का क्या करेंगे ? राहुल ने कहा, अभी किसी को किराये पर दे देंगे, और जब कोई खरीद डर मिल जाए तो बेच देंगे। जमुना लाल जी का सारा परिवार राहुल की सलाह से बहुत खुश हुआ। बेटा हो तो ऐसा - श्रवण कुमार के जैसा।

६ महीने के बाद राहुल भारत आया, और योजना के मुताबिक पिता जी को सैनेटोरियम में और दीपा को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करवा दिया। इत्तेफाक से स्कूल के नए हेडमास्टर ने उनका घर किराये पर ले लिया तो वो भी समस्या हल हो गई। यह सब काम करने के बाद राहुल ट्रेन से माँ को लेकर दिल्ली चला। कार्यक्रम ऐसा था कि दिल्ली में वीसा के लिए १ हफ्ता लगेगा, और तब तक वो माँ को दिल्ली भी घुमा देगा। बेचारी कमला दिल्ली तो क्या, सिर्फ़ १ बार पटना गई थी जब जमुना लाल जी को राज्य के सबसे अच्छे हेडमास्टर का इनाम मिला था। कमला थोड़ी घबरा रही थी कि वो जब पटना और दिल्ली से डरती है तो अमेरिका में कैसे काम चलाएगी। राहुल ने उसे समझाया कि माँ तुम बड़ी तेज हो, सब कर लोगी, और मैं जो हूँ।
राहुल ने ट्रेन में वातानुकूलित श्रेणी में आरक्षण करवाया था, और उसकी माँ ट्रेन की सफाई देख कर अवाक् हो गई। राहुल और उसकी माँ को दोनों नीचे के बर्थ मिले थे, और ऊपर सिर्फ़ एक आदमी था, और चौथा बर्थ अलाहाबाद के कोटे में था। जब वो तीसरा आदमी शाम को बाथरूम गया तो राहुल ने माँ को एक नाईट गाऊन दिया, और बोला कि ये सोने के लिए है, पहन लो। माँ को समझ नहीं आया कि उसे पहने कैसे, तो राहुल ने कहा कि वो बाहर जाएगा तब सारे कपड़े उतार कर सिर्फ़ नाईट गाऊन इस तरह पहन लो, राहुल ने माँ को उसकी साड़ी ब्लाउज के ऊपर से ही नाईट गाऊन पहना कर दिखाया।

फिर राहुल बाहर चला गया, और २ मिनट के बाद आया तो देखा कि उसकी माँ राहुल की ओर पीठ कर के खड़ी थी। माँ ने कहा कि इसमे तो सामने से बिल्कुल खुला है, तो राहुल ने बताया कि इसमें बेल्ट है ना बांधने के लिए। राहुल ने बेल्ट के दोनों छोर पकड़ के पीछे से ही बेल्ट को बांधा और माँ को घूम कर सामने से दिखाने को कहा।

राहुल ने जान बूझ कर ही ऐसा नाईट गाऊन ख़रीदा था जिसका गला काफ़ी नीचे तक कटा था, और वह घुटने से ४ इंच ऊपर तक ही था। कमला ऐसे कपड़े पहन कर बड़े पशोपेश में थी, और राहुल ने यह भाँपते हुए कहा कि माँ तुम अमेरिका में लोगों को जैसा कपड़ा पहनते देखोगी उसके मुकाबले ये कुछ नहीं है। घबराओ नहीं, तुम इन सबकी आदि हो जाओगी। अब सो जाओ। कमला ने एक हाथ से गाऊन से अपनी चूची को ढकने की कोशिश की और दूसरे से जाँघों के पास के खुले हुए गाऊन को साथ कर के पकड़ा, और कम्बल में घुस कर सो गई। राहुल भी अपने बर्थ पर सो गया।

सुबह ट्रेन दिल्ली पहुँची और राहुल और कमला एक होटल पहुंचे जहाँ राहुल ने पहले से आरक्षण करवा रखा था, लेकिन उसने १ हफ्ते का सिर्फ़ १ बेड का आरक्षण करवाया था कि तब उन दोनों को साथ सोने और करीब आने का मौका भी मिलेगा।

होटल देख कर माँ की आँखें चौंधिया गई। लेकिन सबसे पहले वो नहाना चाहती थी, सिर्फ़ नहाना ही नहीं, अपने जलते बदन को ठंडा करना चाहती थी। गाँव से चले उसे पूरा १ दिन हो गया था और उसके बदन में जैसे आग लगी थी। राहुल को सब मालूम था, इसलिए उसने अपना कैमरा फ़ोन बाथरूम के सिंक के नीचे लगा कर चालू कर दिया और माँ को नहाने जाने को बोला, उसने फव्वारे को चला के दिखाया। बाथरूम का दरवाजा बंद करते ही कमला ने फव्वारे से ठंडा पानी चला कर पूरे बदन पर साबुन लगाया और चूत मल कर अपने को झाड़ा।

इसके बाद राहुल नहाने गया और कैमरा फ़ोन की रिकॉर्डिंग देख कर मन ही मन मुस्कुराया - क्या मस्त चुदासी चीज़ है ?

राहुल ने माँ को कहा कि सबसे पहले वो उसे एक सैलून ले जा कर उसकी ऐसी काया पलट करवा देगा कि वो ख़ुद को पहचान नहीं पायेगी। और उसके बाद उसके लिए कुछ कपड़े भी खरीदेगा क्योंकि वो कपड़े यहाँ सस्ते मिलेंगे। उसने एक माँ का साइज़ नापने के लिए एक टेप निकला और माँ को सामने खड़ी होने को बोला और नापने लगा। चूतड़-४१, सीना-४०, कमर-३४। नापने के बहाने उसने कई बार माँ की चूची, चूतड़ और नंगी कमर को भी हलके से छू लिया।

इसके बाद उसने माँ को टैक्सी में सैलून ले जा कर उसके बाल ठीक कराये, और फेशियल करवा के उसका चेहरा और चमकने लगा। वापस टैक्सी में बैठते ही राहुल ने माँ को बाँहों में भर कर उसके गाल चूम लिए और बोला- माँ तू तो क्या मस्त सुंदर लग रही है !

कमला को राहुल का इस तरह करना अच्छा ही लगा, लेकिन उसने राहुल को इशारा किया कि टैक्सी वाला शीशे में देख रहा है। फ़िर टैक्सी से वो माँ को एक मॉल ले गया और माँ के लिए १ सलवार-कमीज़, १ स्कर्ट -ब्लाउज, और २ जींस-टॉप माँ के आकार के ख़रीदे। इसके बाद उसने माँ के लिए २ ऊंची ऐड़ी के सैंडल, और कई नकली सोने के माडर्न दिखने वाले कानों की बालियाँ, गले के हार और चूड़ियाँ आदि बहुत कुछ खरीदा और दोनों लौट कर होटल आ गए।

अपने ऊपर इतना खर्च करते देख कर कमला अपने बेटे के ऐहसान में डूबती गई। टैक्सी में एक बार माँ ने राहुल को कहा भी कि उस पर इतना खर्च करने की क्या जरूरत है तो राहुल ने माँ की जांघ पर हाथ मार कर कहा- माँ तुम्हारे लिए तो कुछ भी कर सकता हूँ मैं !

राहुल हमेशा माँ को छूने या पकड़ने का मौका कभी नहीं चूकता था, गाड़ी से उतरते, या किसी सीढ़ी पर चढ़ते, उतरते वो कभी माँ का हाथ तो कभी बांह पकड़ लेता था। कभी उसकी कमर पर हाथ रख देता था तो कभी हल्के से माँ के चूतड़ पर इस तरह से छू लेता था जैसे अनजाने में हाथ लग गया हो।

होटल आ कर उसने माँ को कपड़े पहन कर देखने के लिए कहा। शुरूआत हुई सलवार-कुर्ते से, और फ़िर स्कर्ट-ब्लाऊज़। दोनों बिल्कुल ठीक थे। जब कमला जींस पहन कर आई तो उसकी सेक्सी फ़िटिन्ग देख कर राहुल के लण्ड में हरकत होने लगी, लेकिन कमला ने कहा कि वो बड़ा कसा लग रहा है उसे।
राहुल ने समझाया कि माँ यह जींस ऐसी ही होती है कि उभार ठीक से दिख सकें, और तुम्हारे तो हैं भी इतने सुन्दर !

यह कहते हुए उसने कमला के चूतड़ों पर हाथ रख कर उसकी गोलाइयों को एक बार सहला दिया और कहा कि पहनने लगोगी तो अच्छा लगने लगेगा। राहुल के इस तरह करने पर कमला थोड़ी चौंकी, लेकिन जब तक वो कुछ सोचती, राहुल ने उसकी कमर पकड़ कर अपने सामने कर उसकी चूत की ओर नज़र डाली और कहा- वाह ! क्या फ़िट बैठी है यहाँ सामने भी ! राहुल ने जानबूझ कर माँ के लिए पैंटी नहीं खरीदी और कमला ने कभी पैंटी कभी पहनी भी नहीं थी तो उसे यह मालूम नहीं था कि पैंटी पहनना जरूरी है।

हाँ ! मॉल में उसने अच्छी अच्छी ब्रा देखी थी लेकिन शर्म के मारे वो राहुल से ब्रा के लिए कह नहीं पाई।

कमला ने राहुल से पूछा- आज कितना खर्चा हुआ?

तो राहुल ने जब सारा खर्च बताया तो कमला ने कहा कि टैक्सी की जगह हम लोग बस में नहीं ज सकते क्या?

राहुल ने कहा कि हाँ, पैसे तो बचेंगे, लेकिन भीड़ में थोड़ी परेशानी होगी तुम्हें।

कमला ने कहा कि जैसे इतने सारे लोग बस लेते हैं, हम भी ले लेंगे।

इसके बाद कमला और राहुल सोने की तैयारी करने लगे। कमला ने अपना नाईट-गाऊन पहना और राहुल पायज़ामा-बनियान में।

लेè
 
 
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